चिड़िया बन उड़ जाऊँगी, गाय की तरह किसी खूटे से बँध जाऊँगी, आले में गुड़िया, आँगन में बीर को छो चिड़िया बन उड़ जाऊँगी, गाय की तरह किसी खूटे से बँध जाऊँगी, आले में गुड़िया, आ...
आज बहुत याद आते हैं, जब हम हो गए पचपन के। आज बहुत याद आते हैं, जब हम हो गए पचपन के।
बचपन के दिन काश! फिर लौट आएँ बच्चे बन फिर शौर मचाएँ माँ पापा की डाँट -आशीर्वाद पाएँ। बचपन के दिन काश! फिर लौट आएँ बच्चे बन फिर शौर मचाएँ माँ पापा की डाँट -आ...
कितने प्यारे थे वो दिन काश!लौटा लाए कोई वो बचपन सुहाना। कितने प्यारे थे वो दिन काश!लौटा लाए कोई वो बचपन सुहाना।
किधर खो गए मेरे प्यारे वो बचपन के पल गिन गिन। किधर खो गए मेरे प्यारे वो बचपन के पल गिन गिन।